शिक्षा प्रणाली की असली समस्या: प्रैक्टिकल लर्निंग क्यों जरूरी है
हमारी शिक्षा प्रणाली केवल रटने पर ज़ोर देती है, लेकिन प्रैक्टिकल लर्निंग को नज़रअंदाज़ कर देती है। जानिए यह बड़ी समस्या क्यों है और इसका समाधान क्या हो सकता है।
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शिक्षा प्रणाली क्यों असफल हो रही है? व्यावहारिक सीखने की कमी एक बड़ी समस्या है
शिक्षा किसी भी देश की प्रगति का आधार होती है, लेकिन अगर आधार ही कमजोर हो, तो मजबूत परिणाम की उम्मीद कैसे की जा सकती है? आज की शिक्षा प्रणाली की सबसे बड़ी खामी यह है कि यह रटने (memorization) पर ज्यादा ध्यान देती है और व्यावहारिक (practical) ज्ञान पर बहुत कम।
एक साधारण उदाहरण लीजिए:
मान लीजिए, आपको खाना बनाना सीखना है, लेकिन स्कूल आपको इस तरह सिखाए:
गैस चालू करो
सरसों डालो
सब्जी डालकर भूनो
इन स्टेप्स को याद करो और परीक्षा में लिखो
अब बताइए, क्या सिर्फ लिखने से आप सच में खाना बनाना सीख जाएंगे? नहीं!
यही हाल हमारे शिक्षा तंत्र का है। छात्रों को थ्योरी पढ़ाई जाती है, लेकिन वे इसे वास्तविक जीवन में लागू नहीं कर पाते।
व्यावहारिक शिक्षा की कमी एक बड़ी समस्या क्यों है?
1. विज्ञान बिना प्रयोगों के
छात्रों को रसायन विज्ञान (chemistry) में सूत्र रटाए जाते हैं, लेकिन लैब में सही तरीके से प्रयोग नहीं करने दिए जाते।
भौतिकी (physics) में वे सिद्धांत रटते हैं, लेकिन प्रयोगशाला में उन्हें उपकरणों से काम करने का मौका नहीं मिलता।
जीवविज्ञान (biology) में छात्र डायग्राम याद करते हैं, लेकिन कभी प्रयोगशाला में जीवों का अध्ययन नहीं कर पाते।
2. गणित बिना असली दुनिया से जुड़ाव के
छात्रों को सूत्र रटाए जाते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं बताया जाता कि गणित का असली जीवन में क्या उपयोग है।
उन्हें बजट बनाना, टैक्स समझना, या बैंकिंग सिस्टम का ज्ञान नहीं दिया जाता।
3. इतिहास बिना समझ के
इतिहास रोचक विषय हो सकता है, लेकिन इसे रटने वाले विषय की तरह पढ़ाया जाता है।
4. रटने की प्रवृत्ति, सोचने की नहीं
छात्रों को गहराई से सोचने की बजाय रटने की ट्रेनिंग दी जाती है। इससे वे समस्याएं हल करने की क्षमता विकसित नहीं कर पाते।
समाधान क्या है?
अधिक प्रयोगात्मक शिक्षा
कौशल विकास (skill development) पर ध्यान देना
रटने की बजाय व्यावहारिक शिक्षा
शिक्षा को रोचक और इंटरएक्टिव बनाना
शिक्षा सिर्फ परीक्षा पास करने के लिए नहीं, बल्कि जीवन जीने के लिए होनी चाहिए। अब समय आ गया है कि शिक्षा प्रणाली में बदलाव किया जाए!